पटना, 2 नवम्बर।
विद्यालय अध्यापकों को दीपावली व छठ के शुभ अवसर पर वेतन भुगतान करने को लेकर शिक्षा विभाग का कौमी असातिजह तंजीम बिहार ने स्वागत किया है। लेकिन ई-शिक्षा कोष ऐप की गड़बड़ी के कारण शिक्षकों की बड़ी संख्या में वेतन कटौती का निन्दा भी किया है और माननीय मुख्यमंत्री बिहार श्री नीतीश कुमार से विद्यालय की मूल शिक्षक उपस्थिति पंजी के आधार पर ही वेतन भुगतान करने की मांग की है। ये बातें कौमी असातिजह तंजीम बिहार के प्रदेश संयोजक मो0 रफी ने आज मुख्यमंत्री बिहार को पत्र लिखने के बाद मीडिया को बताया। मो0 रफी ने बताया कि ई-शिक्षा कोष ऐप में गड़बड़ी का खामियाजा शिक्षकों को भुगतना पड़ रहा है। बड़ी संख्या में शिक्षकों का एक दिन, दो दिन और चार – चार दिनों का वेतन कटौती हुआ है जबकि विद्यालय में वे उपस्थित रहे हैं अथवा अवकाश में रहे हैं। जिसका प्रमाण विद्यालय की मूल शिक्षक उपस्थिति पंजी है। वेतन कटौती जिन शिक्षकों का हुआ है उन में उर्दू विद्यालयों के शिक्षकों की बड़ी संख्या है, ऐसा इसलिए है कि हिन्दी विद्यालयों से इतर उर्दू विद्यालयों में शुक्रवार को साप्ताहिक अवकाश होता है और रविवार को विद्यालय में शैक्षणिक कार्य का निष्पादन होता है। परंतु विभाग ने दोनों प्रकार के विद्यालयों के लिए एक ही ऐप बनाया है जो खेद जनक है। आज 2 नवम्बर को उर्दू विद्यालय पक्की सराय मुजफ्फरपुर के शिक्षक ने रविवार 3 नवम्बर का आकस्मिक अवकाश भरने का प्रयास किया तो वह सफल नहीं हुए और ऐप ने रविवार के दिन चित्रगुप्त पूजा दिखाया जबकि रविवार को उर्दू विद्यालयों में अवकाश नहीं है। मो0 रफी ने ऐप में गड़बड़ी की शिकायत माननीय मुख्यमंत्री बिहार से पहले भी की थी, परन्तु अभी तक ऐप में कोई सुधार नहीं किया जा सका है, शिक्षक हलकान हैं पूरा दिन विद्यालय में रहने और ऐप पर उपस्थिति दर्ज करने के बाद भी शिक्षक अनुपस्थित हो जा रहे हैं। इसलिए मो0 रफी ने माननीय मुख्यमंत्री बिहार से आग्रह किया है कि विद्यालय की पंजी ही मूल है ऐप में अथवा इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस में कभी भी कुछ भी गड़बड़ संभव है इसलिए शिक्षकों के वेतन का भुगतान हर हाल में विद्यालय की मूल शिक्षक उपस्थिति पंजी के आधार पर प्रधानाध्यापकों द्वारा दिए गए उपस्थिति विवरणी के अनुसार ही करने की कृपा करें।
