सेवा में,
माननीय द्रौपदी मुर्मू जी
महामहिम राष्ट्रपति महोदया
नई दिल्ली।
हम हस्ताक्षरकर्ता, जो जीवन के विभिन्न क्षेत्रों से संबंधित हैं, पैगंबर-ए-इस्लाम मोहम्मद सल्ललाहो अलैहे वसल्लम के विरुद्ध हाल के अपमानजनक बयानों की कड़ी निंदा करते हैं। ऐसे बयान न केवल मुस्लिम समुदाय के लिए अपमानजनक हैं, बल्कि हमारे समाज की शालीनता, आपसी सम्मान और सह-अस्तित्व के ताने-बाने पर हमला हैं।
किसी भी सभ्य राष्ट्र में, सम्मानित धार्मिक हस्तियों के अपमान के लिए कोई स्थान नहीं होनी चाहिए, विशेष रूप से पैगंबर हजरत मोहम्मद (सल्ललाहो अलैहे वसल्लम) जिनकी शिक्षाएं शांति, करुणा और न्याय पर जोर देती हैं, वह दुनिया भर के अरबों लोगों के लिए एक आदर्श हैं। हम दृढ़तापूर्वक घोषणा करते हैं कि किसी भी प्रकार का अपमान, उपहास या उनकी शान में गुस्ताखी को बिल्कुल भी सहन नहीं किया जाना चाहिए। इस्लाम के पैगंबर मोहम्मद सल्ललाहो अलैहे वसल्लम के खिलाफ कोई भी अपमानजनक बयान अंतरराष्ट्रीय स्तर पर लोगों के दिलों को ठेस पहुंचाने और देश की छवि को खराब करने का कारण बनता है।
हम इस अवसर पर अभिव्यक्ति की आजादी के विषय पर कोई बहस नहीं छेड़ना चाहते हैं, क्योंकि हमारा दृढ़तापूर्वक विश्वास है कि कोई भी स्वतंत्रता किसी की आस्था का अपमान करने की अनुमति नहीं देती। हम बिना किसी संदेह और संकोच के मांग करते हैं कि इस तरह के घृणित कृत्यों से कानून की पूरी ताकत के साथ निपटा जाए, ताकि जहरीले बयान देने वाले अपने कृत्यों का अंजाम भुगत सकें।
हम सभी जिम्मेदार नागरिकों, विभिन्न धर्म-गुरूओं और हमारे सरकारी संस्थानों से भी अपील करते हैं कि वह सर्वसम्मति से इस घटना की निंदा करें। हमें इस बात को सुनिश्चित करना होगा कि सम्मान, प्रतिष्ठा और आपसी समझ के सामाजिक मूल्यों की हर हाल में रक्षा की जाए। इस तरह के घोर अपमान के सामने चुप्पी केवल दूसरों को घृणा और असहिष्णुता फैलाने के लिए प्रोत्साहित करेगी।
इस अवसर पर हम आपसे विनम्रतापूर्वक अनुरोध करते हैं कि आप राष्ट्राध्यक्ष के तौर पर इस मामले में हस्तक्षेप करें और सरकार को तत्काल एवं निर्णायक कार्रवाई करने का निर्देश दें। हम यह भी अनुरोध करते हैं कि अंतर-धार्मिक संवाद को बढ़ावा दिया जाए और सभी धार्मिक भावनाओं का सम्मान सुनिश्चित करने के लिए कदम उठाए जाएं, ताकि किसी भी समुदाय को इस तरह के अपमानजनक रवैये का सामना न करना पड़े। हम भारत के संयुक्त और संगठित नागरिक स्पष्ट करते हैं कि कभी भी मोहम्मद सल्ललाहो अलैहे वसल्लम या किसी भी पवित्र धार्मिक हस्तियों का अपमान सहन नहीं करेंगे। हम उनके सम्मान की रक्षा में दृढ़तापूर्वक खड़े हैं और मांग करते हैं कि अपमानजनक रवैये को तत्काल रोका जाए।