संडीला।
क्षेत्र के प्रसिद्ध संत कृपाल नगर में आश्रम की संपत्ति का विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है। पूर्व में घोषित दिव्यानंद के आध्यात्मिक उत्तराधिकारी देवेंद्र मोहन ने आश्रम की संपत्ति को जालसाजी कर हड़पने का आरोप लगाते हुए उच्च अधिकारियों से शिकायत की है।
स्थानीय प्रेस क्लब पर पत्रकारों से बात करते हुए श्री मोहन ने स्वामी जी की नातिन स्वर्णलता गुप्ता व उनके पति मनोज कुमार गुप्ता पर आश्रम की संपत्ति को धोखाधड़ी कर हड़पने का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि स्वामी दिव्यानंद ने संयास लेने के बाद आश्रम की संपत्ति संगत के सहयोग व सेवा से बनाई थी। उन्होंने बताया कि दिव्यानंद स्पिरिचुअल फाउंडेशन ट्रस्ट आश्रम की देखरेख करता है। उन्होंने कहा कि बिना मैनेजिंग डायरेक्टर व बोर्ड आफ डायरेक्टर्स की अनुमति से आश्रम की किसी भी संपत्ति को स्थानांतरित नहीं किया जा सकता है। उन्होंने स्वर्णलता पर आरोप लगाते हुए कहा कि उन्होंने ग्राम मीतौं में आश्रम की कुछ भूमि जालसाजी कर अपने नाम करा ली है। बताया कि फाउंडेशन की ओर से गेंदनलाल ने न्यायालय में इस सम्बन्ध में आपत्ति दर्ज कराई है। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि स्वर्णलता पुलिस प्रशासन की मदद से पेड़ कटवा रही है। बताते चलें कि वर्ष 2014 स्वामी दिव्यानंद का निधन हो गया था। उनके निधन के बाद से ही आश्रम की संपत्ति को लेकर विवाद चल रहा है।
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बोले दिव्यानंद ने बनाया था आध्यात्मिक उत्तराधिकारी
मीडिया से बात करते हुए उन्होंने बताया कि वर्ष 2001 में स्वामी दिव्यानंद ने उन्हें अपना आध्यात्मिक उत्तराधिकारी बनाया था। उन्होंने प्रकरण की जांच कर दोषियों के विरुद्ध कड़ी कार्रवाई करने की मांग की है।